दुनिया के लगभग 206 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाया हुआ है। लेकिन इस हाहाकार के बीच कुछ ऐसा भी हो रहा है जिसके चलते दुनिया को जबरदस्त फायदा हो रहा है। यह फायदा भी कोरोना वायरस के कारण ही हो रहा है।
|| तरुण कुमार
असल में इस समय वह सभी देश लॉकडाउन है जहां-जहां कोरोना अपने पैर पसार चुका है। जिसके चलते ना तो बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां चल रहीं और न ही कोई बड़े स्तर पर काम हो रहा है। ऐसे में दुनिया को प्राकृतिक रूप से जबरदस्त फायदा पहुंच रहा है।
सभी तरह के प्रदूषण में कमी आईं है। पिछले कुछ सालों में प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन कर सामने आई थी जिससे दुनिया भर में लोग स्वच्छ सांस लेने तक के लिए तरस गए थे। ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2017 में 1.2 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवा बैठे थे। यह आंकड़ा बहुत ही डरावना और हिला देने वाला था। जबकि दुनिया भर में 5 मिलियन लोगों को प्रदूषण ने निगला था।
स्वच्छ पानी, हवा और चारों तरफ साफ सफाई का नामोनिशान तक नहीं था। और अगर कहीं दिखता भी था तो एक दो दिन बाद वह भी प्रदूषण की चपेट में आ जाता था। प्रदूषण ने ऐसी मार मारी थी कि लोगों को घर के अंदर तक भी प्रदूषण महसूस हो रहा था।
लेकिन इसके बाद जब से कोरोना का डंक दुनिया को लगा है इससे प्राकृति को गजब का फायदा हो रहा है। जानवर भी सुकून से अपनी जिंदगी जी पा रहे हैं। सड़के साफ है, हवा में अब ताजगी है, पेड़ पौधे अब ज्यादा हरे नजर आ रहे हैं, कानों में पड़ने वाला शोर अब गायब है, सुबह शाम चिड़ियां की मधुर चहचहाहट आप सुन सकते हैं, आसमान भी आपको अब ज्यादा सुंदर दिखाई देगा.. इतना ही नहीं रात में ठंडी हवा का एहसास और चांद-तारे भी आपको ज्यादा टिमटिमाते नजर आएंगे।
धरती से लेकर अंतरिक्ष तक इस समय प्राकृति में शांति कायम है। शायद उसी का नतीजा है कि पंजाब से हिमाचल के शानदार पहाड़ों का नजारा लोगों ने अपने घर की छत से देखा। ऐसा पहली बार हुआ जब वातावरण इतना साफ हुआ की लोग हजारों किमी. दूर स्थित पहाड़ों को अपने घर की छत से देख पा रहे थे। इतना ही नहीं कई राज्यों से गुजरने वाली गंगा नदी का पानी भी साफ हुआ है।
चोरी डैकती, बलात्कार, छेड़खानी, अपराध से भी कोरोना ने छुटाकारा दिलाया है। मानो कोरोना महामारी ना हुआ अवतार हो गया। ऐसा मंजर आपको अपनी जिंदगी में शायद ही कभी दोबारा देखने को मिले। आप अपने परिवार के साथ समय बीता पा रहे हैं। जो हंसी मजाक आपकी भाग दौड़ और टेंशन वाली जिंदगी निगल चुकी थी वह आज कोरोना के चलते आप अपने परिवार के साथ जी पा रहे हैं।
लॉकडाउने चलते इतने फायदें हो रहे हैं कि आपने कभी सोचा तक नहीं होगा कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। सोचने वाली बात यह है कि इंसान अपने स्वार्थ के लिए इतना प्रदूषण फैलाता है कि इसका एहसास शायद आज उसे हो रहा हों। कोरोना की महामारी से ही सही, कुछ समय के लिए दुनिया में प्राकृतिक शांति तो कायम हुई। इससे हमें एक बड़ी सीख लेनी चाहिए।