जाते साल 2019 की बात करें तो इस साल में देश में राजनीतिक कई ऐसे फैसले किए गए जो इतिहास में दर्ज किए जाएंगे। किसके अंतर्गत तीन तलाक और कश्मीर से धारा 35 a का हटना तथा एनआरसी और भारतीय नागरिकता अधिनियम का लागू होना। इन सभी फैसलों को लेकर देश की जनता में सहमति असहमति देखने को मिलती है, मगर सबसे अधिक ज्वलंत मुद्दा हाल ही में हुए भारतीय नागरिकता अधिनियम का रहा। इस मुद्दे ने देशभर में आग पकड़ रखी है। इसे लेकर कई तरह के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं ताकि सरकार अपने किए हुए फैसले पर पुनः विचार करें। यह अधिनियम उन भारतीय लोगों को राहत देने के लिए लागू किया गया जो जो बाहर से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत में शरण के लिए आए। इस अधिनियम को लेकर असहमति धार्मिक मुद्दे को लेकर ही है क्योंकि इसमें बाहर से आने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया। यह एक संवेदनशील तथा विचारणीय मुद्दा है।
इस साल में जेएनयू के विद्यार्थियों द्वारा हॉस्टल फीस इत्यादि को लेकर भी खासा विरोध प्रदर्शन किया गया। 2019 में कई सारी अपराधिक गतिविधियां भी सामने आई जिसमें उन्नाव कांड तथा हाल ही में हुआ हैदराबाद सामूहिक बलात्कार हत्याकांड जिसके अपराधियों को बाद में एनकाउंटर में मार दिया गया। देश की आर्थिक व्यवस्था भी चिंता का विषय रही। कई सारे पब्लिक बैंकों का बंद होना तथा मार्केट का ठंडा रहना इन सभी बातों ने आम जनता को प्रभावित किया। स्वास्थ्य तथा प्रदूषण भी देश का एक बड़ा मुद्दा बन के सामने आया। देश में चल रहे सफाई अभियान का कुछ खास नतीजा सामने नहीं आया। आज भी गीले और सूखे कूड़े का मुद्दा वैसे का वैसा ही है, जगह-जगह गंदगी देखने को मिलती है। राम मंदिर को लेकर भी एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया। प्याज की बढ़ती कीमतें तथा महंगाई ने भी देश की जनता को हताहत किया। कुल मिलाकर 2019 समय की गति के साथ निकल तो गया मगर अपने निशान छोड़ गया।
हम उम्मीद करते हैं कि आने वाला साल 2020 देश विदेश के लिए शांति तथा खुशहाली भरा हो। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौलिक, आर्थिक उन्नति का विकास हो। प्रत्येक मानव अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए हैं राष्ट्र तथा मानव हित में कार्यरत हो।
देशभर के सभी लोगों को मेरी शुभकामनाएं.
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