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फ़िल्म रिव्यू: बाला

कम उम्र मे गिरते बालो की समस्या पर आधारित इस महीने मे आई यह दूसरी फिल्म है। इससे पहले 1 नवंबर को सनी सिंह की उजड़ा चमन आई थी। जिसे दर्शको ने खूब पसंद किया था।

बात ‘बाला’ फिल्म की करे तो इस फिल्म की कहानी उजड़ा चमन से बिलकुल अलग है। पर दोनों फिल्मों मे डाइरेक्टर एक जैसा ही संदेश देने की कोशिश करते है। उजड़ा चमन मे तन की खूबसूरती से ज्यादा मन की खूबसूरती पर ध्यान दिया गया है। तो वहीं बाला अपने आपको जैसा है वैसे ही स्वीकारने का संदेश देती है।

फिल्म की कहानी कानपुर के बाल मुकुंद की है। जो स्मार्ट है और अपने घने बालों से बहुत प्यार करता है। मगर 25 की उम्र आते आते बाला के बाल झड़ने लगते है। गिरते बालो से परेशान बाला बाल उगाने के हर वो नुस्खे अपनाता है जो उसे पता चलते है। गंजेपन के कारण बाला की शादी नहीं हो पाती है। आसपास के लोग बाला का मज़ाक उड़ाते है। सैकड़ो नुस्खे ट्राई करने के बाद भी जब बाला के बाल नहीं उगते तब उसके पापा (सौरभ शुक्ला ) उसे विग गिफ्ट करते है। यहाँ से बाला का लाइफ़ स्टाइल बदलता है और बाला नए आत्म विश्वास से आगे बढ़ता है। बाला की मुलाक़ात उसकी कंपनी के प्रॉडक्ट का विज्ञापन करने वाली टॉप मॉडल परी (यामी गौतम) से होती है। दोनों की बात प्यार से आगे बढ़कर शादी तक पहुँचती है।

फ़िल्म बाला का एक सीन

फिल्म के दूसरा किरदार बाला की बचपन की दोस्त लतिका (भूमि पेडनेकर) का है, जो सांवले रंग की है। लतिका वकील है और अपनी मौसी के साथ रहती है। सांवले रंग के कारण लतिका की शादी नहीं हो पाती है, पर उसे अपने रंग से कोई समस्या नहीं है। यही बात वो बाला को समझाती है।

क्या लतिका की बात बाला समझ पाता है? बाला और परी की शादी का क्या होता है। ये सब जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी।

अब बात फिल्म की करे तो फिल्म हर कसौटी पर खरी उतरती है। फिल्म का पहला हाफ दर्शको को हँसाता हुआ तेजी से बढ़ता है। दूसरे हाफ मे फिल्म कहीं कहीं सिरियस मोड मे चली जाती है। इसी हसी मज़ाक मे डाइरेक्टर अपना संदेश देने मे पूरी तरह कामयाब दिखते है। एक्टिंग के मामले मे सभी कलाकार एक से बढ़कर एक साबित हुये है। सभी कलाकारो ने अपने रोल को बख़ूबी निभाया है। आयुष्मान खुराना ने साबित कर दिया है की वो किसी भी रोल को निभाने मे सक्षम है। भूमि पेडनेकर एक कॉन्फिडेंट वकील के रूप मे जमी है। बच्चन स्टाइल मे जावेद जाफ़री लोगो को जरूर पसंद आएंगे। सौरभ शुक्ला अपने आप मे पर्फेक्ट है। टिकटोक स्टार यामी गौतम की खूबसूरती का जवाब नहीं। ज़िला मिर्ज़ापुर के कंपाउंडर ने नाई दोस्त का रोल बखूबी निभाया है।


कलाकार: आयुष्मान खुराना, यामी गौतम, भूमि पेडनेकर, जावेद जाफरी, सौरभ शुक्ला
निर्देशक: अमर कौशिक
मूवी टाइप: ड्रामा, कॉमिडी
अवधि: 2 घंटा
रिव्यू: कर्मवीर कमल
रेटिंग: ☆☆☆☆4/5

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