पिछले एक माह से डीएलएफ व आस-पास इलाके में कूड़ा उठान से संबंधित समस्या को लेकर निवासी परेशान, नहीं हो रही सुनवाई
नगर निगम की कूड़ा उठान एजेंसी की कार्यशैली से लोग पूरी तरह से तंग आ चुके है। डीएलएफ फेज-1, सेक्टर-27, 28, 43 व आस-पास इलाके में कूड़े की समस्याओं के चलते लोग त्राही-त्राही कर रह रहे है। इकोग्रीन कंपनी के सुपरवाइजर को शिकायत करते है तो कोई फोन ही नहीं उठाते। नगर निगम के अधिकारी भी दबी जबान में अपना लाचारी झलका देते है।
गौरतलब है कि इकोग्रीन कंपनी को गुरुग्राम की कूड़ा उठान व्यवस्था संभाले हुए लगभग डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है लेकिन आज तक कंपनी की तरफ से व्यवस्था ठीक नहीं बन पाई है। कूड़ा उठान वाली गाड़ी का लोगों के घरों में आने-जाने का कोई टाइम टेबल नहीं है। जब मन करते है तब आते-जाते है और कई बार गाड़ी को सीधा ले जाते है। कई इलाकों में कूड़ा उठाने की गाडिय़ों की संख्या कम है तो कहीं कर्मचारी कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतते है। डीएलएफ के कुछ ब्लॉकों में तो कूड़ा उठाने वाले लोगों से पैसे की मांग भी करते है।
वार्ड 34 के पार्षद आरएस राठी का कहना है कि पिछले 15 दिन से उनके पास सैकड़ों शिकायतें कूड़ा उठान से संबंधित आई है। इस संबंध में निगम के सफाई विभाग से संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत की गई लेकिन उसके बावजूद भी इकोग्रीन कंपनी की तरफ से किसी कर्मचारी या सुपरवाईजर ने शिकायतों की सुध नहीं ली। कई जगह कूड़े के ढेर लगे रहते है लेकिन कोई उन्हें उठाने की जहमत नहीं उठाता। निगम आयुक्त को इस संबंध में लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है और कंपनी को हटाने की भी मांग की है।
सेक्टर-27 आरडब्ल्यूए के महासचिव जीडी त्यागी, उप-प्रधान महेन्द्र यादव, सेक्टर-43 के प्रधान संजीव लांबा, एच ब्लॉक निवासी अभिजीत आहूजा, सुनील भाटिया, सुनील गोस्वामी, धु्रव बंसल का कहना है कि कूड़े उठान को लेकर विभिन्न प्रकार के मुद्दे लेकिन उनकी सुनवाई करने को तैयार नहीं है। कई बार निगम में ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत की गई, टोल फ्री न0 पर भी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
3-3 दिन कूड़े उठाने वाले नहीं आते, कई बार आते है तो उनका कोई समय फिक्स नीं होता। कूड़ा उठान न होने से प्लॉटों में कूड़ा जमा हो जाता है जिसे भी नहीं उठवाया जाता।