Breaking News आध्यात्म जरा हटके

ओशो: बहु चर्चित व्यक्ति

ओशो का जन्म 11 जनवरी 1931 को मध्य प्रदेश राज्य भारत में हुआ हुआ जो आचार्य रजनीश के नाम से भी जाने जाते है। वह बचपन से ही जिज्ञासु तथा अपने मन की करने वाले व्यक्तित्व के थे। उनका जीवन सफर सदैव कई तरह के विवादों से घिरा रहा। मैं पहले ऐसे स्प्रिचुअल गुरु थे जिन्होंने सेक्सुअलिटी के ऊपर खुलकर बात की इसीलिए लोगों ने उन्हें सेक्स गुरु कहना शुरू कर दिया जो कतई न्याय संगत नहीं था। ओशो का कहना था कि जो क्रिया जीवन सृजन के लिए बनी है उस पर बात करना कुछ गलत नहीं। ओशो ने सदैव योग प्यार साहस खुशाली इत्यादि पर जोर दिया । 1960 में मुंबई में ओशो ने अपना समय व्यतीत किया अपने अनुयायियो जोगी न्यू सन्यासिस के नाम से जाने जाते थे के साथ सेक्स पर चर्चा की कुछ लोगों ने उनकी कही बातों का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। 1974 में पुणे आश्रम बनाया, 1981 में रजनीश पुरम कीअमेरिका में स्थापना की पर बहुत से विवादों और उनके अनुयायियों द्वारा किए गए गलत कामों की वजह से अमेरिका से वापस भेज दिया गया। 21 और देशों ने भी उनके आने पर पाबंदी लगा दी बाद में वापस पुणे आए और अपनी आखिरी सांस तक पुणे आश्रम में ही रहे। पुणे आश्रम जोकि ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिसोर्ट के नाम से जाना जाता है। गिरते स्वास्थ्य के कारण 19 जनवरी 1990 में ओशो इस संसार को छोड़कर चले गए।

ओशो एक ऐसे संत रहे जिन्होंने अपने जीवन काल में सभी चीजों पर बातचीत जिसमें हिंदुइज्म, बुद्धिस्म क्रिश्चियनिटी, जैनिज्म, राजनीति , धर्म, तंत्र, योग, कृष्णा गुरु ग्रंथ साहिब ,उपनिषद , मृत्यु ,जीवन ,खुशी ,उदासी साहस इत्यादि। उनका कहना था की जिंदगी कोई सवाल नहीं है जिसका कोई हल यह जवाब ढूंढा जाए यह एक अज्ञात सफर है जिसे भरपूर जीना चाहिए। ओशो का मानना था की किसी भी चीज को दबाने से वह आपके मन और दिमाग पर हावी रहती है इसलिए हर चीज को जी लेना चाहिए तथा साक्षी भाव होने से वह अपने आप ही खत्म हो जाती है। ओशो ने प्यार को सदैव महत्व दिया समाज में चल रही कुर्तियों धार्मिक अंधविश्वास और भेदभाव का विरोध किया। नारी को ओशो ने पुरुष के मुकाबले सदैव ऊंचा स्थान दिया।

ओशो ने प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ तथा अच्छा जीवन जीने के लिए प्रेरित किया । ओशो द्वारा बनाए गए आश्रम तथा उनके अनुयायियों द्वारा बनाए गए सभी आश्रम में ओशो द्वारा बनाई गई मेडिटेशन थैरेपीज की जाती है जिनमें कुंडली डायनामिक लोटस इत्यादि प्रचलित हैं। ओशो द्वारा दिए गए प्रवचनों की पुस्तकें तथा ऑडियो वीडियो सभी चीजें देश विदेश में उपलब्ध है। अनुयाई देश विदेश में फैले हुए हैं तथा ओशो के दिल दिमाग पर छाए हुए हैं।

केशी गुप्ता | लेखिका समाज सेविका

Related posts

क्या कोरोना के बीच ही होगा हरियाणा का बरोदा विधान सभा उपचुनाव?

TAC Hindi

फ़िल्म रिव्यू: बाला

TAC Hindi

नोटबंदी से लेकर आर्थिक मंदी तक का सफर

TAC Hindi

एक पत्र भारतवासियों के नाम

TAC Hindi

अजर अमर है संकट मोचन श्री हनुमान

TAC Hindi

टेलीविजन की मश्कें कसता इंटरनेट

TAC Hindi

Leave a Comment