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शौचालय की सोच तले भूखे मरता भारत

राम मंदिर की उम्मीद और आर्टिक्ल 370 के जश्न मे डूबे भारतियों और जल्द ही होने जा रहे विधानसभा चुनावो मे राष्ट्रवाद, देशभक्ति और विकास का ढ़ोल पीटने वाले बड़े नेताओं के लिए एक बुरी एवं चौकाने वाली खबर आई है। ऐसी ख़बर जो विकास के दावे, बढ़ता देश का सम्मान जैसे नारो के उलट बैठती है।
|| अंकित कुंवर

हाल ही में आयरलैंड और जर्मनी की वाल्ट हंगर आर्गेनाइजेशन द्वारा ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट जारी किया गयी। आयरलैंड की ऐड एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन ऑर्गेनाइज़ेशन वेल्ट हंगर हर वर्ष ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट जारी करती है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट विश्व के विभिन्न देशों में भुखमरी और कुपोषण से ग्रस्त लोगों को इंगित करती है ताकि पुरा वैश्विक समुदाय एवं संबंधित देश इसको समाप्त करने के लिए पहल कर सकें।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग पर सवाल, पडोसी देश पाकिस्तान और नेपाल की रैंकिंग में उछाल।

इस बार जारी किए गये ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 117 देशों में भारत 102 वें स्थान पर है। यह वाकई दुर्लभ करने वाली घटना है कि भारत में लोगों को पेट पर खाना भी नहीं मिल पाता। पिछले साल के मुताबिक़ ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग में भारत के अलावा अन्य देशों ने अपनी रैंक को सुधारने के प्रयास किए हैं जबकि भारत इस साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स के सबसे निचले रैंकिंग वाले देशों में शामिल है।

ध्यान देने की बात है कि दक्षिण एशिया के विभिन्न देश भारत से आगे हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग पर गौर करें तो मालूम होता है कि भारत के अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 94वें रैंक, बांग्लादेश 88वें, श्रीलंका को 66वें रैंक पर रखा गया है। वहीं भारत का सबसे करीबी पडोसी देश नेपाल 73वें रैंक पर है। इन देशों की रैंकिंग से ज्ञात होता होता है कि भारत दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बजाए, भारत के लोगों को पेट भर का खाना मिल पाना मुश्किल है। दिन-प्रतिदिन बढ़ती कुपोषण की दर यहाँ के बच्चो को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बना रही है। यहां तक की भारत के महानगर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सडकों पर रह रहे लोग शारीरिक और मानसिक रूप से कुपोषण के शिकार हैं। भारत सरकार ने पिछले वर्ष ही कुपोषण को खत्म करने एवं वैश्विक स्तर पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अपने स्थान को सुधारने के लिए कई जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए किंतु साल 2019 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट भारत के लोगों को आज भी भुखमरी का शिकार मानती है। अब आवश्यक है कि भारत भुखमरी और कुपोषण को मिटाने के लिए एक रणनीतिक सुझाव की ओर पहल करें एवं जमीनी स्तर पर इनको कम करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाए।

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