टीएसी हिन्दी न्यूज़: कानूनन अपनी उपस्थिती दर्ज करा चुके एलजीबीटी समुदाय के लोगो को अब भी अपनों के बीच पराये की कड़वाहट महसूस होती रहती है। “मंगलमुखी” को समाज मे अभी भी हेय की दृष्टि से देखा जाता है। ये कड़वाहट और दर्द उस वक्त और बढ़ जाती है जब एक पढ़े लिखे सभ्य समाज मे रहने वाले लोग इनके साथ आज भी भेद भाव करते है।
दिल्ली की रहने वाली सैम विलियम जो पेशे से कोरिओग्राफर है बताती है, हिजरा कोई गाली नहीं बल्कि भगवान की एक संरचना है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि एक सच्चाई है और काफी दिलचस्प और मार्मिक है। बंगाल के एक मध्यवर्गीय परिवार में एक बच्चे का जन्म होता है। उसका लिंक अधूरा है इसलिए ना तो पुरुष की श्रेणी में आया ना महिला की श्रेणी में बल्कि थर्ड जेंडर का जन्म हुआ जिसका नाम सैम विलियम रखा गया। बच्ची जैसे जैसे बड़ी हुई उसे अपनी असलियत और अस्तित्व का एहसास हुआ और उसने अपने परिवार के साथ सच को स्वीकार किया और निडर होकर समाज में पढ़ लिख कर आगे बढ़ी और आज के वक्त में पेज 3 की जानी मानी फैशन कोरियोग्राफर है।
पर वह कहते हैं ना कि राहे मंजिले आसान नहीं होती जब तक हमारी राहों में इंतहा नहीं होती, मंजिल को पाने के लिए चलना जरूरी है जिंदगी के खेल को खेलना जरूरी है। बक़ौल सैम वो एक पेज 3 के जाने-माने फैशन कोरियोग्राफर हैं, जिसकी वजह से ऊनको अक्सर अपने काम की वजह से कई क्लबों में कई ऑफिस में आना जाना पड़ता है। सैम बताती है इसी प्रकरण में 24 अप्रैल 2019 की रात को वह सम्राट होटल में चलने वाले लॉबी में उमंग तिवारी के मालिकाना हक में एक नाइटक्लब चलता है वहां पर डीजे ऐना जिनकी अपने एनिवर्सरी की प्राइवेट पार्टी थी जहां पर सिर्फ 40 गेस्ट्स थे पर उस गेस्ट लिस्ट में से सैम विलियन का नाम गेस्ट लिस्ट में होते हुए भी यह कह कर गेस्ट लिस्ट से हटा दिया गया कि वह एक हिजरा है ट्रांसजेंडर है जिससे होटल के मालिक और मैनेजमेंट को नफरत सी है और वह विलियम के अस्तित्व से भी नफरत करते हैं। पर विलियम हार ना मानते हुए जैसे तैसे डीजे ऐना के सहारे पार्टी में गई और वहां पर उन्हे दुबारा बेईज़त किया गया। पार्टी से वापस आने के बाद सैम ने 5 दिन का समय उमंग तिवारी और मैनेजमेंट को दिया ताकि वह माफी मांग सके और जब इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो अपनी अधिवक्ता दोस्त दीप्ति शर्मा के माध्यम से दिल्ली के डीसीपी मधुर वर्मा जी एवं ज्वाइन कमिश्नर, आनंद मोहन एवं एनएचआरसी, दिल्ली कमिशन फॉर वुमैन, नेशनल वुमन कमीशन, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एंड चीफ मिनिस्टर को हर जगह पर्सनली मिलकर शिकायत दर्ज की उसके बाद चाणक्यपुरी थाने मे डीजीपी द्वारा रेफर कर दिया। सैम के अनुसार विलियम के केस को लेकर पर वहां भी उमंग तिवारी मैनेजमेंट का अलग अलग सूत्रों से कॉल आया और विलियम तथा उनके अधिवक्ता दीप्ति शर्मा को डराया धमकाया गया कि केस को वह रफा दफा करें आगे बढ़ने जाने की कोशिश ना करें वरना जान से हाथ धोने की संभावना है पर विलियम एवं उनके अधिवक्ता दीप्ति शर्मा इन सारी बातों को नजरअंदाज करते हुए एफआईआर दर्ज कराई। अब विलियम और उनके अधिवक्ता को उम्मीद है कि कानून में विश्वास रखने वाले कानून के हर नागरिक तथा विलियम को जो कि थर्ड जेंडर है को अब इंसाफ जरूर मिलेगा और इसके बाद थर्ड जेंडर को कहीं भी बेइज्जत करके नहीं निकाला जाएगा जीत सच्चाई की होगी।
सैम कहती है, “दोस्तों मेरा एक सवाल है ना जाने मैंने कितने केस होंगे लड़े पर एक बात समझ में नहीं आती कि थर्ड जेंडर में ऐसा क्या अनोखा है जिसको लेकर लोग अपने जहन में नफरत बसाए हुए हैं। थर्ड जेंडर के साथ कैसे पेश आया जाए। क्या थर्ड जेंडर मां की कोख से पैदा नहीं लेते इनके पिता नहीं होते? आपको मैं बता दूं थर्ड जेंडर के साथ इतने दिन से हो मुझे कभी एहसास नहीं हुआ की वह हमारी तरह नहीं है बल्कि मुझे हर वक्त एहसास हुआ वह हमसे ज्यादा अच्छे हैं ज्यादा सच्चे हैं एवं अच्छे दोस्त साबित होते हैं दोस्तों थर्ड जेंडर से घृणा मत करें बल्कि हमारे समाज का एक अंग है आइए हम सब मिलकर उन्हें हमारे समाज को अपने नजरिए को बदलते हुए एक नए नजरिए से देखें तभी एक प्रगतिशील समाज का उत्पादन होगा।”