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कोरोना वाइरस: समझदार, बहादुर व स्वच्छ बनो, कोरोना का आंतक ना मचाओ – डाः अशोक कु. ठाकुर

संसार में हर तरफ कोरोना का अनजान डर बैठा हुआ है।  मीडिया द्वारा इसकी युद्ध स्तर पर क्वरेज देने से जन मानस ज्यादा समझदार ना होने की वजह से ट्रोमा में है। एक राजपत्रित अधिकारी और रेडक्रास सोसायटी चण्डीगढ़ से मान्यता प्राप्त समाजसेवी डाः अशोक कु. ठाकुर (राजा साहिब सीबा) के मुताबिक यहां कोरोना (कोविड-19) वायरस की पहचान या इसके इतिहास के बारे में जिक्र करके समय नष्ट नहीं करना चाहता क्योंकि सभी इस वायरस के बारे में जान चुके हैं। उन्होने कहा कि कुछ प्रश्न उन्हें निराशा कर रहें हैं जिसे वो सांझा करना चाहते हैं।

  • क्या कोरोना (कोविड-19) वायरस सिर्फ मनुष्यों के हाथों में ही पाया जाता है यां हाथों से ही फैलता है?
  • क्या हवा, पक्षी व जानवर भी इस वायरस को फैलाने में मदद करते हैं?
  • किस अवस्था के मनुष्यों को यह प्रभावित कर रहा है. क्या बच्चे, बूढ़े व जवान सभी को ये वायरस एक ही तरह से अपने प्रभाव में लेता है?
  • किस जगह यां स्तह पर कोरोना (कोविड-19)वायरस की आयु सबसे कम है यानि किस चीज की स्तह पर इसको नष्ट होने में कम सबसे कम समय लगता है?

उन्होनें कहा कि मैं यहां स्पष्ट तौर पर बताना चाहता हूं कि अभी तक ना तो एैलोपैथी में, ना ही आयुर्वेद, ना ही होमियोपैथी, ना ही यूनानी पद्धति और ना ही किसी भी चिकित्सा पद्धति ने इस वायरस का स्टीक इलाज ढूंढने का दावा किया है। यानि इस वायरस से पीड़ित रोगी ला-इलाज की श्रेणा में आता है। इसलिए हम सभी के लिए यह जरूरी है कि हर तरफ पैनिक क्रिऐट करने के बजाए Prevention is better than cure के अनुसार जीवन व्यापन करें। उन्होनें कहा कि इस बिमारी से अपने आप को शत-प्रतिशत बचाया जा सकता है।

इस वायरस से पीड़ित रोगी के खांसने व छींकने से जो कण गिरते हैं उससे मनुष्य, पक्षी व जानवर संक्रमित हो जाते हैं। सबसे पहले वातावरण को शुद्ध करना जरूरी है तांकि यह वायरस अधिक देर तक जीवित रह कर अपना प्रभाव ना डाल सके।  वातावरण को शुद्ध करने के लिए आवाजाही के साधनों का अति अवश्यकता होने पर ही प्रयोग करें। वातावरण की शुद्धता बनाए रखने के लिए हवन सामग्री से हवन (जिसमें सूखे यां हरे बेल नामक फल की आहूति दी जाए) का प्रयोग करें। प्रत्येक इमारत, वाहन की निकासी वाले स्थान पर सैनेटाईजर का इस्तेमाल करें यां गोमूत्र अर्क का छिड़काव करें। वातावरण की शुद्धता के पश्चात् मनुष्यों की शुद्धता जरूरी है।  मनुष्यों की शुद्धता केवल सैनेटाईजर से हाथों को सैनेटाईज करने से पूर्ण नहीं होती। मनुष्यों की शुद्धता के लिए पूर्ण रूप से स्वच्छ होना और मनुष्यों का दूसरे मनुष्यों से कम से कम पांच से छ फुट का फांसला जरूरी है। मनुष्यों की शुद्धता के लिए सबसे पहले इम्युनिटी बूस्ट करने की भी अवश्यकता है तांकि बाहरी और आंतरिक रूप से ताकतवर होने से कोई भी जान यां अनजान वायरस, बैक्टीरिया मनुष्यों को आसानी से अपने प्रभाव में ना ले सके।  इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए शुद्ध, संतुलित व भारतीय शाकाहारी भोजन को ही प्रयोग करें।  खाना बनाते समय हल्दी का प्रयोग करें।  ग्रीन टी, निंबू व तुलसी का सेवन भी कारगर सिद्ध है। जल को शुद्ध करने के लिए पानी को उबालकर उसका सेवन करें, नहाने के लिए डिटोल यां इसके समकक्ष यां नीम मिश्रित पानी का ही प्रयोग करें।

अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना (कोविड-19)  वायरस सबसे अधिक गत्ते पर और सबसे कम तांबे (धातु) पर जीवत रहता है।  तांबे पर तो इसकी आयु केवल कुछ घंटों की ही होती है। इसलिए तांबे के बर्तन में कम से कम 6 से 24 घंटे  रखा हुआ पानी पीना,  किसी भी बोतल में बंद branded पानी के प्रयोग करने की बजाए ज्यादा सुरक्षित है। उबले हुए पानी में यां तो आधा निंबू निचोड़कर यां तुलसी ड्रोपस की 2से 5 बूंदें डालकर पानी पीना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।  उन्होंने कहा कि कोरोना (कोविड-19) वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए आर्युवेद मतानुसार पांच प्रकार से चिकित्सा 1- Anti viral drugs 2. Immune Booster, 3. Anti oxidant 4. Symptomatic treatment 5. Do and don’ts केवल डाक्टरों की देखरेख में करना अनिवार्य है।

  1. Anti Viral drugs and Immune Booster:- भालांतक, कालमेघ, दुग्धिका, भूईआमलंकी
  2. Anti Viral drugs:- चिरायता, मजिस्ठ, पपीता, तुलसी।
  3. Immune Booster:- गुडूची, अश्वगंधा, निंबू, स्वर्ण भस्म।
  4. Anti Oxidant: – ग्रीन टी

उन्होंने कहा कि कोरोना (कोविड-19) वायरस का आंतक फैलाने की बजाए बहादुर बने, स्वछच्ता अपनाए, आपस में अनजान व्यक्तियों से शरीरिक रूप पर दूरीयां बनाए। किसी भी प्रकार के डिप्रेशन व ट्रोमा से बचने के लिए घर के अंदर रह कर योगा करें, म्यूजिक थेरेपी का सहारा लें व घर व अपने आपको और अपने परिवार को स्वच्छ रखने मे समय बिताए। ऐसा करने से यह वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

डाः अशोक कु. ठाकुर उर्फ राजा साहिब सीबा
(लेखक “डा. अशोक ठाकुर (राजा साहब-सीबा)” एक राजपत्रित अधिकारी हैं। राष्ट्रीय स्तर के संवेदनशील मुद्दों पर वह अपनी बेबाकी राय रखते हैं। समाज सेवा में रुचि होने के कारण वे कल्याणकारी कार्यों में हिस्सा लेते हैं। चूंकि कोरोना का मुद्दा अब वैश्विक स्तर पर महामारी घोषित हो चुका है। इस पर अंकुश के लिए विश्व के सभी देश प्रयासरत हैं। ऐसे में उन्होने जनहित में कोरोना के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसी अभियान के तहत यह उनकी पहली कड़ी है।)

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