Breaking News कला साहित्यकहानी: ….कि तुम मेरी जिन्दगी होTAC HindiNovember 7, 2023November 7, 2023 by TAC HindiNovember 7, 2023November 7, 20230548 ‘आप सुमन के पापा हो’ ‘जी, नहीं’ ‘तो’ ‘चाचा हूँ’ ‘चलिए, चाचा भी तो पापा ही होते हैं।’ डॉक्टर बोला था। ‘मेरे चाचा मेरे लिए पापा हीं है।
कला साहित्यरोमियों जूलियट की एक विचित्र यात्राTAC HindiDecember 15, 2019 by TAC HindiDecember 15, 201902295 नई दिल्ली, 11 दिसंबर : भारतेन्दु नाट्य उत्सव, आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिशचंद्र को श्रद्धांजलि है। दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद द्वारा