Sumi Ahuja
Breaking News तस्वीरें लाइफ स्टाइल हेल्थ & ब्यूटी

योग के साथ योगा, आज की जरूरत

योग से अभिप्राय अपनी आंतरिक यात्रा खोज से है, जिसे  दूसरे शब्‍दों में इसे ध्यान भी कह सकते है। योग करने से जीवन में स्थिरता तथा शंति की प्राप्ति होती है। ये आत्मा को परमात्मा  से जोड़ने का तरीका है।
केशी गुप्ता | लेखिका, समाज सेविका

योग का मतलब ही जोड़ना है। जो आदमी को मानव शरीर में रहते हुए मानवता से गिरने नही देता, और उसे कुदरत से जोड़े रखता है। योग आंतरिक उपचार करता है तो योगा वो पद्धति है जिससे शरीर को स्वस्थ तथा फिट रखा जा सकता है। विभिन्न प्रकार की  शारीरिक मुद्राओ द्वारा शरीर के विभिन्न अंगो को सुदृढ़ तथा संपूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। योगा के अंतर्गत बहुत सी शारिरिक मुद्राएं आती हैं,  जिन्हे आसन कहा जाता है । इससे व्यक्ति ना सिर्फ तंदरुस्ती के साथ साथ चुस्त तथा मानसिक तौर पर भी संतुलित रहता है। योगा में योग प्रक्रिया भी शामिल होती है। दोनों का गहरा संबंध है। दोनों का तालमेल न होने से संपूर्ण लाभ प्राप्ति नही होती।

Deepali Sharma

यूं तो योग और योगा मानव के लिया  नया नही है। इसका प्रचलन आरंभिक काल अर्थात सदैव से ही है। योग करने के लिए आपको किसी योगिक मुद्रा में बैठना पढ़ता है। प्राचीन काल में इसकी दीक्षा मठों, गुरूकुल इत्यादि में दी जाती थी। और सभी इसका आचारण भी करते थे। तभी मानव सुखी तथा समृद्ध था। मानवता का बोलबाला था। समय के बदलाव के साथ मानव केवल शरीर को महत्व देने लगा। जिसके चलते योग और योगा विभाजित हो गए। स्कूलो में मात्र योगा कराया जाने लगा , जो केवल शारिरिक व्यायाम की तरह देखा जाता है। योगा एक विषय की तरह पढ़ाया जाता है तथा व्यवसायिक भी  हो गया।

Sumi Ahuja

योग के आभाव में आज योगा से मानव को वह लाभ नही मिल पा रही जो संपूर्ण हैं। मानव योगाभ्यास करने के बाद भी मानसिक संतुलन प्राप्त नही कर पाता। सदैव शातिं की तलाश में रहता है। मानवता खोती जा रही है। जिसके चलते समाज कुंठित होता जा रहा है। इसी लिए विश्व योग दिवस मनाने की आवश्यकता आन पढ़ी है। जो हर वर्ष 21 जून को विश्व भर में मनाया जाता है ताकि मानव इसके प्रति जागृत हो सके।

Akansha Dutta

मानव को इस विनाश से बचाने के लिए ये जरूरी है की योग और योगा का तालमेल बना रहे तथा स्कूल, कॉलेज आदि में योगा के साथ योग का भी अभ्यास करवाया जाए, जो उसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे जरूरी कर दिया जाए ताकि योग हर व्यक्ति के जीवनचर्या  का हिस्सा बन सके। व्यक्ति मानव होने के सुख का पूर्ण लाभ ले सके तथा समाज सुखी तथा समृद्ध  हो सके, शारीरिक और मानसिक दोनो रूप से।

केशी गुप्ता | लेखिका एवं समाज सेविका

 

Related posts

हर व्यक्ति के व्यायाम को मजेदार बनाता है जुम्बा

TAC Hindi

फ़िल्म रिव्यू: बाला

TAC Hindi

साहेब का मेरठ…2014 में 1857 का गदर और 2019 में गालिब की ‘सराब’

TAC Hindi

2019 के प्रमुख मुद्दे और रहते निशान

TAC Hindi

तनाव है तो होने दे, इसमें बुरा क्या है?

TAC Hindi

कोरोना वायरस से बचाव के लिये फरीदाबाद में बनाए गए 12 कंटेनमेंट जोन।

NCR Bureau

Leave a Comment