गुरुग्राम आज कल विश्व पटल पर साइबर सिटी के नाम से जाना जाता है । शहर के बस स्टैंड के दिन कब बहुरेंगे पता नहीं परन्तु रेलवे स्टेशन में अब काफी बदलाव आ गया है। नलों में पानी व साफ सफाई भी काबिले गौर है।
फिर भी कुछ कमी रह ही जाती है। प्रशासन द्वारा या एम सी जी द्वारा रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक बोतल व पॉलीथिन की दो नई रिसाइक्लिंग मशीन लगा तो दी है परन्तु वो चल रहीं हैं या नहीं इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं ऐसा प्रतीत होता है।
जब हमने स्टेशन अधीक्षक एस एल मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि यात्री बोतल को सही ढंग से मशीन में नहीं डालते हैं जिसके चलते मशीन बंद हो गई है। बोतल को ढक्कन की ओर से डालें तभी मशीन सही ढंग से काम करेगी अन्यथा वो बंद हो जाएगी।
जब हमने दूसरी मशीन को देखा तो वो पिछली तरफ से अनलॉक थी व उसका स्विच ऑन था परन्तु वो चालू हालत में नहीं थी अन्यथा किसी यात्री या बच्चे के साथ दुर्घटना भी हो सकती थी।
किसी भी सुविधा के मशीन लगाना तो ठीक है लेकिन उसका कार्य करना भी जरूरी होता है इसके लिए या तो आप लिखित निर्देश मशीन कर पास लगाएं या यात्रियों को उसके उपयोग के लिए शिक्षित करें नहीं मशीन का लगना व्यर्थ है।