विचार

दम तोड़ती दिल्ली

दिल्ली शहर जो भारत की राजधानी है अपने में पूरा भारत समाए हुए है, बल्कि विदेशी यात्रियों से भी भरा पड़ा है. हर धर्म, जाति, रंग रूप के लोगो का समागम है दिल्ली. सुबह शाम जिन्दगी यहां भागती दौड़ती सी नजर आती है. मेरी पैदाइश दिल्ली की है, इसलिए दिल्ली का ही हवा पानी रगों में दौड़ता है. दिल्ली शहर ऐतिहासिक स्थलो से भरा पड़ा है जैसे लाल किला, पुराना किला, कुतुब मिनार, हुमायूं टूम्ब, राज घाट, जंतर मंतर, इंडिया गेट इत्यादि. कई म्यूजियम जैसे रेल, हवाई, गांधी, नेहरू पलेटोरियम, प्रगति मैदान इत्यादि भी देखने लायक है. चांदनी चौक, कनाट पलेस, रजौरी गार्डन, सरोजिनी नगर, साउथ एक्स, लाजपत नगर मार्किट दिल्ली की जान है. देश विदेश के पर्यटक इन सभी स्थानों पर घूमते फिरते दिखाई देते है. दिल्ली में बहुत से पिकनिक स्थल है जो दिल्ली की शोभा को बढाते है जिनमें लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, जमाली कमाली, सोना, सुरज कुंड तथा बढ़खल लेक प्रमुख है.

कहा जाता है दिल्ली दिल वालो की है, किसी समय ये कथन पूरी तरह सत्य था भी, पर देखते देखते बदलते समय के साथ दिल्ली की रूप रेखा हवा पानी सब बदल गया. दिल्ली की आबादी इतनी बढ़ गई है कि सड़क पर चलना मुश्किल सा हो गया है. मौहल्ले गलियां संकरी हो गई है. आधुनिकीकरण के चलते मोटर गाड़ियों के धुंए, बड़ी मलटी स्टोरी इमारतों और लोगो की भीड़ तथा लापरवाही ने वातावरण को पूर्णतया प्रदूषित कर दिया है. जगह जगह गंदगी देखने को मिलती है. सांस लेना मुश्किल हो गया है. कई तरह के जानलेवा बीमारियों का एक जाल दिल्ली वालों को घेरे हुआ है. मंहगाई ने दिल्ली में आग पकड़ रखी है. पैसे के चलते इंसान और इंसानियत की कीमत कुछ नही रही. दिल जो कभी बड़े थे अब उनमें जगह नही रही, हर आदमी दूसरे आदमी को पिछे धकेल आगे निकल जाना चाहता है, सही हो या गलत रास्ता ये कोई मायने नही रखता.

दिल्ली आज भी अपने खान पान और राजधानी होने के वजह से आकर्षण का स्थान रखती है. दिल्ली शहर में प्रत्येक धर्म के लोगो के धार्मिक स्थल भी देखने को मिलते है, बिरला मंदिर, हनुमान मंदिर, बंगला साहिब, शीश गंज, सेंट मैरी चर्च, निजामुद्दीन दरगाह, हाजी अली दरगाह, लौटस टैंपल इत्यादि. दिल्ली मैट्रो दिल्ली की धड़कन का काम करती है. मैट्रो के द्वारा यात्रा करना सुविधा जनक है, वरना ट्रैफिक के कारण दिल्ली में यात्रा करना आसान नही. दिल्ली की सड़को का हाल बेहद खस्ता है. जगह जगह गड्डे देखने को मिलते है,सडकों की खुदाई किसी ना किसी कारण वंश चलती रहती है. जिससे थोड़ी सी बरसात होने पर पानी जगह जगह रूक जाता है और सारी की सारी व्यवस्था हिल जाती है. यूं तो दिल्ली मैट्रो पोलिटन सिटी आधुनिक शहर है पर आज उसकी स्थित विचारणिय और चितांजनक है. दिल्ली की कानून व्यवस्था भी कमजोर है जिसके चलते दिल्ली शहर में क्राइम रेट बढ़ गया है, बलात्कार, मर्डर इत्यादि केस आए दिन अखबार की सुर्खियों में दिखाई पड़ते है. गर सरकार समाज और दिल्ली वासी अब नही जागे तो दिल्ली अपनी दयनीय स्थित के कारण जल्द ही दम तोड़ देगी.


केशी गुप्ता | लेखिका, समाज सेविका

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