Breaking News राजनीति

प्रदूषण बना इस चुनाव का कॉमन मुद्दा

ऐसा पहली बार हो रहा है जब चुनाव में प्रदूषण का मुद्दा हावी होता नजर आ रहा है. इस बार चुनाव में प्रदूषण एक अहम मुद्दा है जिसमें नई आने पार्टियों के अलावा पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस भाजपा भी शामिल है. सभी पार्टियों ने प्रदूषण को अपने मेनिफेस्टो में अहम स्थान दिया है. यह और बात है की भाजपा जैसी आज की बड़ी पार्टी चुनाव प्रचार में आर्टिकल 370 की बात करके प्रचार कर रही हैं. उसका मुख्य नारा राष्ट्रवाद ही है. ऐसे में पता नहीं वो प्रदूषण की समस्या को किस तरह से लेगी. इसके अलग सबसे पहले आम आदमी पार्टी के गुड़गांव के उम्मीदवार ने अपना गुड़गांव का विजन जारी किया था, जिसमें उसने प्रदूषण को एक प्रमुख मुद्दा बताते हुए शामिल किया. इसके बाद योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया ने भी प्रदूषण को मुख्य रूप से उठाया. इसके बाद कांग्रेस भाजपा भी इस मुद्दे को अपने मेनिफेस्टो में जोड़ने से नहीं चूकी. सरकार किसी की भी बने बात अगर प्रदूषण की करें तो सभी पार्टियों के लिए प्रदूषण का मुद्दा अब एक अहम मुद्दा बन चुका है. चुनाव के रिजल्ट के बाद नई बनने वाली सरकार बताएगी कि किसे प्रदूषण की ज्यादा चिंता है.

बात अगर गुड़गांव और फरीदाबाद की की जाए तो बंधवाड़ी प्लांट पर लगा कूड़े का ढेर मौजूदा बीजेपी सरकार की प्रदूषण के प्रति दिखावटी चिंता को उजागर करता है. ऐसा लगता है कि उनके लिए प्रदूषण का मुद्दा एक मेनिफेस्टो की अतिरिक्त लाइन के अलावा और कुछ नहीं. पिछले 5 वर्षों में Bandhwadi Plant में कूड़े का पहाड़ ही लगा है. पोलूशन को कंट्रोल करने के लिए ना तो हरियाणा से डीजल के पुराने ऑटो हटाए गए और ना ही पर्याप्त मात्रा में सरकारी परिवहन व्यवस्था का इंतजाम किया गया. लोग आज भी थोड़ी दूरी पर जाने के लिए इन्हीं प्रदूषण फैलाने वाले ऑटो पर निर्भर करते हैं.

नहीं पार्टियां दिखा रही ज्यादा गंभीरता

नई पार्टियां चाहे वह स्वराज इंडिया हो या आम आदमी पार्टी, फिलहाल वो प्रदूषण के मुद्दे पर गंभीरता दिखा रही है. स्वराज इंडिया ने तो प्रदूषण और कूड़े निबटान का पूरा विज़न तयार करके मीडिया के सम्मुख रख दिया है। उसके अनुसार गुड़गाँव और फ़रीदाबाद के कूड़े कि समस्या और उससे पैदा होने वाले प्रदूषण का समाधान बेहद आसान है, जिसे राजनीतिक इच्छा शक्ति से कभी भी किया जा सकता है।


By Karamvir Kamal

Related posts

“हां, मैं टैक्सपेयर्स के पैसों पर पढ़ना चाहता हूं ताकि मैं खुद एक टैक्सपेयर बन सकूं”

TAC Hindi

कल तक वो रीना थी लेकिन आज “रेहाना” है

TAC Hindi

शौचालय की सोच तले भूखे मरता भारत

TAC Hindi

जेएनयू मुद्दा, विरोध और देश का भविष्य

TAC Hindi

लॉक डाउन में केंद्र सरकार द्वारा दी गई कुछ राहत ।

NCR Bureau

राजनीतिक बयानबाजी और देशहित

TAC Hindi

Leave a Comment