Breaking News मनोरंजन

फिल्म रिव्यू : उजड़ा चमन

“दिलों की बात करता है जमाना, पर मोहब्बत अब भी चेहरे से शुरु होती है”. इस लाइन में इस पूरी फिल्म का सार छुपा है. सार के साथ ही वह मैसेज भी जिसे फ़िल्म के डायरेक्टर, अभिषेक पाठक इस फिल्म के माध्यम से देना चाहते हैं.  ” उजड़ा चमन” जैसा की फिल्म के नाम से ही पता चलता है, कि यह फिल्म बालों की समस्या पर आधारित होगी. फिल्म की कहानी शुरू होती है कोहली परिवार से जो दिल्ली के राजौरी गार्डन में रहते हैं. फिल्म चमन कोहली (सनी सिंह) की शादी के इर्द-गिर्द ही घूमती है, जो उसकी गंजेपन के कारण आसान नहीं. चमन कोहली की मां अपने बेटे को दुनिया का सबसे खूबसूरत लड़का मानती है और इसी उम्मीद में वह उसके लिए उसकी शादी के लिए लड़कियों की तलाश जारी रखती है. चमन कोहली 30 साल के हो चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई है. चमन कोहली चाहते है की उनकी बीवी खूबसूरत हो। तभी एक ज्योतिषी (सौरभ शुक्ला) कोहली परिवार को बताते हैं कि यदि चमन की शादी 31 वर्ष की उम्र तक नहीं होती है तो वह सन्यासी बन जाएगा.

चमन कोहली दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर हैं. जहां उनके विद्यार्थी उसके गंजेपन का अक्सर मजाक उड़ाते रहते हैं. अपनी शादी ना होने के कारण चमन भी अपने मां बाप की तरह परेशान है. वह जल्द से जल्द शादी करना चाहता है. चमन सिंह की मुलाकात उसी के कॉलेज में पढ़ने वाली फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट से होती है पर उनकी केमिस्ट्री ज्यादा चल नहीं पाती. चमन अपने कॉलेज की सहकर्मियों पर भी चांस मारता है. परेशान चमन सिंह सोशल नेटवर्किंग साइट का सहारा लेता है जिसके माध्यम से उसकी मुलाकात अप्सरा (मानवी गगरु) से होती है. बड़े ही नाटकीय अंदाज में अप्सरा और चमन का परिवार एक दूसरे के करीब आता है और बात शादी तक जा पहुंचती है. पर क्या दोनों की शादी हो पाती है? क्या दोनों के बीच कोई दूसरी अड़चन आती है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

फिल्म उजड़ा चमन का एक सीन

यह फिल्म हिट कन्नड़ फिल्म ओंडू मोट्टेया कठे का हिंदी रिमेक है. इस फिल्म में डायरेक्टर ने यह संदेश देने का कोशिश की है कि तन की खूबसूरती से ज्यादा मन की खूबसूरती अहमियत रखती है. साथ ही एक व्यक्ति जो गंजेपन या मोटापे जैसी समस्या से पीड़ित है उसमें कॉन्फिडेंस भी लाती है. फिल्म को देखने के बाद इस तरह के दर्शक अपने आपको आत्मविश्वास से लबरेज़ महसूस करेंगे. फिल्म में एक और डायलॉग है जिसमें सनी सिंह कहता है कि “कमी तो मुझ में है”. फिल्म का एक अन्य कैरेक्टर राज भाई है जो कॉलेज में प्यून है, उसकी पारिवारिक लाइफ भी एक अच्छा सामाजिक संदेश देती है.

फिल्म में पंजाबी फैमिली दिखाई गई है जो फिल्म की स्टोरी को सूट करती है. सभी कलाकारों ने अच्छी एक्टिंग की है. चमन कोहली के किरदार में हीरो सनी सिंह थोड़े से दबे लगते हैं. और “Four More Shots Please!” की बोल्ड मानवी गगरु, अप्सरा के किरदार में बहुत प्यारी लगती है. ज्योतिषी के गेस्ट अपीयरेंस रोल में सौरभ शुक्ला जमे हैं. फिल्म का बैक्ग्राउण्ड म्यूजिक और डाइलोग डिलिवरी थोड़ी तेज और शोर करने वाली है जो कभी-कभी चुभती है. फिल्म के गाने फिल्म के हिसाब से ठीक है.


मुख्य कलाकार: सनी सिंह, मानवी गगरू, सौरभ शुक्ला, करिश्मा शर्मा, ऐश्वर्या सखूजा

फिल्म का निर्देशन अभिषेक पाठक ने किया है।

मूवी कॉमिडी, ड्रामा है।

फिल्म की अवधि 2 घंटा है।

रिव्यू : कर्मवीर कमल
रेटिंग: ☆☆☆3/5

Related posts

कहानी: ….कि तुम मेरी जिन्दगी हो

TAC Hindi

टेलीविजन की मश्कें कसता इंटरनेट

TAC Hindi

भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था का खराब होता स्वास्थ

TAC Hindi

रणबीर कपूर एनिमल निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के साथ चर्चा में डूबे नजर आए

TAC Hindi

क्या कहता है देश और आपका बजट?

TAC Hindi

नहीं रहे मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर ।

NCR Bureau

Leave a Comment