राजनीति विचार

जेएनयू मुद्दा, विरोध और देश का भविष्य

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक जाना माना शिक्षा केंद्र है और किन्ही कारणों से सदैव चर्चा का विषय रहता है। जामिया मिलिया जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी की बात करें तो जामिया मिलिया और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुकाबले में अधिक महत्वपूर्ण और अलग स्थान रखती है। इन यूनिवर्सिटी से बहुत ही काबिल विद्यार्थी पढ़कर बाहर निकलते हैं जो देश की राजनीति में उतर राजनेता भी बनते हैं। इन दिनों जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी विद्यालय फीस की बढ़ोतरी को लेकर विरोध कर रहे है।

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के अनुसार अचानक से फीस में बढ़ोतरी बिना किसी बातचीत के तय की गई है जबकि यूनिवर्सिटी की परंपरा रही है कि किसी भी खास मुद्दे पर विद्यालय के वीसी और विद्यार्थी संगठन के बीच बातचीत के बाद ही कुछ तय किया जाता है। जेएनयू में पढ़ने वाले विद्यार्थी अक्सर बाहर के राज्यों से आते हैं जो आर्थिक रूप में इतने मजबूत नहीं है और वह अपनी मेहनत के दम पर इसमें दाखिला पाते हैं। विद्यालय के विद्यार्थियों का मानना है कि फीस बढ़ोतरी करके विद्यालय का निजी करण किया जा रहा है जो सही नहीं है।

आधुनिक समय में शिक्षा का औद्योगिकरण हो गया है। जो चिंता का विषय है। निजी स्कूल कॉलेजों की फीस इतनी अत्याधिक है कि आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति ही उन्हें भर सकता है। एक आम आदमी के लिए उसमें बच्चे पढ़ाना बहुत ही मुश्किल है। सरकार को शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगानी चाहिए ताकि प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति अच्छी शिक्षा का लाभ ले सके। “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया “केवल नारा देने से समस्या का हल नहीं होगा उसके लिए सरकार द्वारा जरूरी कदम उठाना आवश्यक है। आज के विद्यार्थी ही देश का भविष्य हैं तो उन पर आर्थिक बोझ डालना कहां तक न्याय संगत है ? वैसे ही आधुनिक समय में युवा पीढ़ी शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती प्रतियोगिता मेरिट आरक्षण बेरोजगारी का शिकार है। देश की युवा पीढ़ी असंतुष्ट हो भटक जाएगी तो यह समाज और देश के हित में नहीं होगा।

किसी भी विकसित देश में जनता को शिक्षा और इलाज मुफ्त ही मिलना चाहिए। विद्यार्थियों का दायित्व बनता है कि वह विद्यालय के नियमों का पालन करें उसकी गरिमा को बनाए रखें तथा प्राप्त शिक्षा का सदुपयोग कर देश समाज की उन्नति में अपना योगदान दें।


केशी गुप्ता | लेखिका ,समाज सेविका द्वारका ,दिल्ली

Related posts

यह समय है जब आपको खुद अपनी सुरक्षा करना है

TAC Hindi

क्या कोविड 19 के वायरस को समाप्त कर पाएगा गर्म मौसम?

TAC Hindi

बढ़ती महंगाई प्याज और आम आदमी

TAC Hindi

भारतीय युवा कांग्रेस ने किसान कानूनों के खिलाफ और भारत बंद के समर्थन में किया विरोध प्रदर्शन

TAC Hindi

प्रचार मे पीछे रहती बसपा और सपा

TAC Hindi

क्या कोरोना के बीच ही होगा हरियाणा का बरोदा विधान सभा उपचुनाव?

TAC Hindi

Leave a Comment